क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टी करने के लिए सबसे अच्छी जगह

क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टी करने के लिए सबसे अच्छी जगह

क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टी करने के लिए सबसे अच्छी जगह हिल स्टेशन है इस समय बहुत से हिल स्टेशन पर बर्फ पड़ी हुई है जिसे देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी हुई है इसलिए पार्टी करने के लिए हिल स्टेशन से अच्छी जगह कोई नहीं है क्रिसमस पर स्कूलों की छुट्टियां पड़ जाती है इसलिए आसानी से घूमने के लिए जा सकते हैं क्रिसमस और न्यू ईयर दोनों साथ-साथ पढ़ते हैं इसलिए एक हफ्ते का टूर बनाकर शिमला मंसूरी या मनाली जा सकते हैं शिमला में क्रिसमस पर सबसे ज्यादा भीड़ लगती है शिमला एक सुंदर और सबसे अच्छा हिल स्टेशन है और दिल्ली वालों के लिए शिमला और मंसूरी सबसे पहली पसंद है

शिमला हिमाचल में स्थित है और यह हिमाचल की राजधानी भी है इसलिए यहां पर सभी सुविधाएं उपलब्ध है शिमला में न्यू ईयर वाले दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है क्योंकि इस समय यहां पर बर्फ पड़ती है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं और यहां पर बर्फ का भी पूरा आनंद लेते हैं न्यू ईयर वाले दिन यहां पर सभी क्लब भरे रहते हैं और पार्टी चलती है इसलिए न्यू ईयर मनाने के लिए शिमला से अच्छी जगह कोई भी नहीं है

दिल्ली एक भीड़ भाड़ वाला शहर है इसलिए यहां से अधिकतर लोग न्यू ईयर और क्रिसमस मनाने के लिए बाहर ही जाते हैं और मंसूरी और शिमला दिल्ली के पास के हिल स्टेशन है इसलिए यहां पर दिल्ली से बहुत पर्यटक पार्टी करने के लिए पहुंचते हैं सभी लोग एक हफ्ते का टूर निकालकर शिमला मनाली कश्मीर मंसूरी गोवा गुलमर्ग श्रीनगर आदि जगह घूमने जाते हैं बहुत से लोग दिल्ली में भी पार्टी का मजा लेते हैं दिल्ली में भी बहुत से बड़े-बड़े क्लब बने हुए हैं जिसमें लोग न्यू ईयर की पार्टी का मजा लेते हैं

बहुत से लोग न्यू ईयर वाले दिन मंदिर जाना पसंद करते हैं इसलिए लोग हरिद्वार और ऋषिकेश या फिर वैष्णो देवी पहुंचते हैं न्यू ईयर वाले दिन वैष्णो देवी में भी लाखों की संख्या में भीड़ पहुंचती है अमृतसर के गोल्डन टेंपल में भी न्यू ईयर वाले दिन हजारों की संख्या में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं वह लोग भगवान के दर्शन के साथ अपना नया साल मनाना चाहते हैं दिल्ली हरियाणा पंजाब में बहुत से बड़े-बड़े मंदिर है जिम न्यू ईयर वाले दिन लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं

गोवा में भी क्रिसमस और न्यू ईयर धूमधाम से मनाया जाता है गोवा में बहुत सी बड़ी-बड़ी पुरानी चर्च भी है जिसमें क्रिसमस वाले दिन पूजा की जाती है यहां पर 5 दिन तक क्रिसमस पार्टी चलती है क्रिसमस वाले दिन गोवा पूरा जगमगाता है और यहां पर बड़े-बड़े क्लब खुले हुए हैं जिस महिला को की संख्या में पर्यटक न्यू ईयर बनाने के लिए पहुंचते हैं यहां पर क्लबोन में पूरी रात पार्टी की जाती है गोवा नियर बनाने के लिए सबसे पहले पसंद है यहां पर हर मौसम में भीड़ लगी रहती है परंतु न्यू ईयर और क्रिसमस देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं गोवा का न्यू ईयर पूरी दुनिया में फेमस है

न्यू ईयर बनाने की सबसे अच्छी जगह कौन सी है

न्यू ईयर बनाने की सबसे अच्छी जगह कौन सी है

न्यू ईयर बनाने के लिए भारत में बहुत ही अच्छी जगह है जो लोग बर्फ में न्यू ईयर बनाना चाहते हैं उनके लिए मंसूरी शिमला मनाली और गुलमर्ग सबसे अच्छी जगह है यहां पर दिसंबर के महीने से ही स्नोफॉल ऑन स्टार्ट हो गई है इसलिए यहां पर अभी से ही लोगों का मेला लगा हुआ है शिमला और मनाली न्यू ईयर वाले दिन सबसे ज्यादा भीड़ वाले स्थान है शिमला और मनाली हिमाचल में स्थित है यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं न्यू ईयर वाले दिन शिमला और मनाली पहुंचने वालों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है इसलिए यहां पर दो दिन पहले पहुंचना चाहिए

जो लोग समुद्र के किनारे न्यू ईयर मनाना चाहते हैं उनके लिए गोवा सबसे अच्छी जगह है न्यू ईयर वाले दिन गोवा में लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं न्यू ईयर वाले दिन गोवा के सभी बीच भरे रहते हैं वैसे भी दिसंबर और जनवरी में यहां पर पर्यटकों का मेला लगा रहता है परंतु न्यू ईयर वाले दिन गोवा में एक भी होटल खाली नहीं होता दुनिया के कोने-कोने से लोग गोवा में न्यू ईयर बनाने के लिए आते हैं

शिमला

वैसे तो शिमला में पर्यटकों का मेला लगा ही रहता है परंतु न्यू ईयर वाले दिन यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं शिमला का माल रोड 31 दिसंबर को ही भर जाता है और रात के 12:00 बजे न्यू ईयर होते ही यहां पर पूरी भीड़ हो जाती है शिमला के माल रोड पर 31 दिसंबर से ही पार्टी शुरू हो जाती है और यहां पर दूर-दूर से आए लोग फुल मस्ती करते हैं और न्यू ईयर वाले दिन यहां के सभी क्लब और होटल भरे रहते हैं यहां पर हल्की-हल्की स्नोफॉल होती है जिसमें लोग पूरा आनंद लेते हैं शिमला नियर मनाने का सबसे अच्छा और सबसे सुंदर शहर है न्यू ईयर मनाने के लिए यहां पर लाखों की संख्या में लोग आते हैं कभी-कभी यहां पर बहुत लंबा जाम भी लग जात जाता है इसलिए आप भी न्यू ईयर से 2 दिन पहले ही यहां पहुंचे शिमला हिमाचल की राजधानी है

मनाली

मनाली एक टूरिस्ट प्लेस है यह भी हिमाचल में स्थित है मनाली में वैसे तो पर्यटकों का मेला लगा रहता है परंतु न्यूयाॅर वाले दिन यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं न्यू ईयर बनाने के लिए दूर-दूर से लोग मनाली पहुंचते हैं क्योंकि इस मौसम में यहां पर हल्की-हल्की स्नोफॉल होती है जिसे देखने के लिए पर्यटन को मेला लगा रहता है मनाली एक सुंदर हिल स्टेशन है मनाली पहुंचना बहुत आसान है चंडीगढ़ से मनाली के लिए बस चलती है

मंसूरी

मंसूरी उत्तराखंड का एक सबसे सुंदर हिल स्टेशन है जहां पर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है हर मौसम में मंसूरी में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं परंतु दिसंबर और जनवरी के महीने में यहां पर बहुत भीड़ रहती है न्यू ईयर मनाने के लिए मानसूनी में दुनिया के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं मंसूरी में न्यू एयर के आसपास स्नोफॉल होती है जिसे देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं मंसूरी का माल रोड भी न्यू ईयर वाले दिन पूरा भरा रहता है मंसूरी देहरादून से 1 घंटे का रास्ता है दिल्ली वालों के लिए न्यू ईयर मनाने के लिए मंसूरी पहली पसंद बनती है

गोवा

गोवा में वैसे तो 12 महीने भीड़ लगती है परंतु न्यू ईयर वाले दिन यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं गोवा के सभी बीच बहुत सुंदर है गोवा विदेश में भी फेमस है यहां पर बाहर से भी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं गोवा के पेंडुलम बीच और बागा बीच दोनों बहुत फेमस है यहां पर रात के समय डांस पार्टी होती है बीच के किनारे लगे हुए छोटे-छोटे रेस्टोरेंट और बार बने हुए हैं जिससे रात के समय यह बीच और भी सुंदर लगते हैं न्यू ईयर वाले दिन इन बीच पर पार्टी होती है सभी लोग कैंडल लाइट डिनर का मजा लेते हैं

बहुत से लोग न्यू ईयर मनाने के लिए कश्मीर भी जाते हैं कश्मीर में गुलमर्ग बहुत सुंदर जगह है यहां पर बर्फ पड़ती है जिसे देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं कश्मीर में और भी बहुत ही सुंदर जगह है जहां पर लोग न्यूयाॅर बनाने के लिए जाते हैं कश्मीर में पुलवामा पहलगाम श्रीनगर जैसी सुंदर जगह भी है श्रीनगर में लोग डल झील को देखने के लिए जाते हैं और सर्दियों में यह झील बर्फ से ढक जाती है

3 दिन की छुट्टी में घूमने की सबसे अच्छी जगह कौन सी है

3 दिन की छुट्टी में घूमने की सबसे अच्छी जगह कौन सी है

वैसे तो भारत में घूमने की बहुत सारी जगह है परंतु तीन दिन की छुट्टी में आप बर्फ का मजा ले सकते हैं 3 दिन में हम ऋषिकेश मसूरी शिमला गुलमर्ग कसौली आरी नैनीताल मनाली घूम सकते हैं दिल्ली से ऋषिकेश 3 घंटे का सफर है ऋषिकेश से एडवेंचर का मजा लेते हुए मसूरी शिमला और मनाली घूम सकते हैं यहां पर स्नोफॉल शुरू हो गई है जो लोग बर्फ के शौकीन है उनके लिए गुलमर्ग कसौली और मंसूरी सबसे अच्छी जगह है यहां पर दिसंबर के महीने में स्नोफॉल शुरू हो गई है और पर्यटकों का मेला लगा हुआ है

ऋषिकेश

ऋषिकेश दिल्ली से  3 घंटे की दूरी पर है ऋषिकेश में शनिवार और रविवार को पर्यटकों का मेला लगा रहता है 2 दिन की छुट्टी में लोग यहां घूमने के लिए आते हैं ऋषिकेश दिल्ली वालों की पहली पसंद बना हुआ है और अब तीन दिन की छुट्टी में सबसे पहले स्थान ऋषिकेश बनता है यहां पर बहुत सारे पुराने मंदिर बने हुए हैं और यहां पर त्रिवेणी घाट में लोग स्नान करते हैं ऋषिकेश से 10 किलोमीटर की दूरी पर बहुत सुंदर-सुंदर रिसोर्ट बने हुए हैं जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं

नैनीताल

नैनीताल ऋषिकेश से 4 घंटे की दूरी पर है यहां पर किरोली बाबा का स्थान है जिसे देखने के लिए बहुत से पर्यटक आते हैं नैनीताल शांति का प्रतीक है यहां की शांति और यहां का एडवेंचर देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है नैनीताल में एक सुंदर सी झील है इस झील में लोग वोटिंग करते हैं और शाम के टाइम या झील और भी सुंदर लगती है पिया शहर के बीचों बीच स्थित है इसके चारों तरफ मार्केट और पहाड़ है

मसूरी

मसूरी एक सुंदर हिल स्टेशन है इसकी दूरी ऋषिकेश से 1 घंटे की है यहां पर लोग बर्फ देखने के लिए ज्यादातर आते हैं मसूरी एक सुंदर शहर है मसूरी में राफ्टिंग करते हैं और यहां पर बहुत सुंदर-सुंदर होटल और रेस्टोरेंट भी बने हुए हैं दिल्ली वालों के लिए यह सबसे नजदीक और सस्ता स्थान है इसलिए यहां पर 2 दिन की छुट्टी में लोग घूमने के लिए आते हैं

शिमला

शिमला दिल्ली से 5 घंटे की दूरी पर स्थित है इसलिए यहां पर तीन दिन की छुट्टी में आराम से घूमने के लिए आ सकते हैं शिमला में दिसंबर के महीने में बर्फ पढ़नी स्टार्ट हो गई है इसलिए यहां पर पर्यटकों की बहुत ज्यादा भीड़ लग गई है शिमला में इस टाइम हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचे हुए हैं और शिमला में 1 जनवरी नए साल तक पूरी भीड़ रहेगी सभी लोग यहां पर नए साल बनाने के लिए पहुंचते हैं शिमला एक सुंदर हिल स्टेशन है शिमला हिमाचल की राजधानी है

मनाली

मनाली शिमला से 2 घंटे की दूरी पर है मनाली हिमाचल में स्थित है यह दिल्ली से 7 घंटे की दूरी पर पड़ता है इसलिए 3 दिन की छुट्टी में मनाली भी घूम जा सकता है मनाली एक सुंदर हिल स्टेशन है यहां पर दिसंबर जनवरी में स्नोफॉल होती है जिसे देखने के लिए दूर-दूरी से पर्यटक यहां आता है मनाली में दिल्ली और हरियाणा उत्तर प्रदेश से अधिकतर पर्यटक पहुंचते हैं

कसौली

कसौली चंडीगढ़ से डेढ़ घंटे की दूरी पर स्थित है यह भी हिमाचल में स्थित है कसौली में घूमने के लिए बहुत सारी सुंदर जगह हैं यहां पर लोग एडवेंचर का मजा लेने के लिए आते हैं कसौली में छोटी-छोटी नदियां और भी सुंदर लगते हैं बहुत से लोग यहां पर कैंपिंग के लिए आते हैं कसौली की दूरी चंडीगढ़ और दिल्ली से बहुत कम है इसलिए यहां पर लोग छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं कसौली एक सुंदर हिल स्टेशन है यहां पर बहुत सारे होटल और रेस्टोरेंट बने हुए हैं

गुलमर्ग

जो लोग बर्फ देखने के शौकीन है उनके लिए तीन दिन की छुट्टी में गुलमर्ग भी अच्छा ऑप्शन है गुलमर्ग एक सुंदर बर्फीला शहर है यहां पर बहुत अच्छी स्नोफॉल होती है और यहां पर स्नोफॉल देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक पहुंचते हैं गुलमर्ग देखने में भी बहुत सुंदर लगता है और यहां पर बर्फ से ढके पहाड़ और भी सुंदर लगते हैं गुलबर्गा में बर्फ में रीडिंग स्केटिंग और भी बहुत सारे खेल खेले जाते हैं गुलमर्ग दिल्ली से बहुत दूर है परंतु इसकी खूबसूरती कितनी लुभावने है कि लोग यहां पर ज्यादा संख्या में पहुंचते हैं

मथुरा वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिर और उनकी विशेषताएं

मथुरा वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिर और उनकी विशेषताएं

मथुरा वृंदावन उत्तर प्रदेश में स्थित है यहां पर बहुत से पुराने मंदिर है मथुरा का उल्लेख महाभारत से मिलता है मथुरा पहले सुरसेन राज्य की राजधानी हुआ करती थी भगवान श्री कृष्ण ने यही जन्म लिया था मथुरा को धर्म नगरी भी कहा जाता है मथुरा आज एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया है यहां लाखों की संख्या में श्री कृष्णा जी के दर्शन करने के लिए पर्यटक आते हैं यहां पर बहुत से मंदिर है दिन में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर द्वारकाधीश मंदिर गोवर्धन पर्वत यमुना घाट प्रसिद्ध है इन मंदिरों का इतिहास बहुत पुराना है इन्हें देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं जय श्री कृष्णा

मंदिरों की विशेषताएं

यहां के मंदिरों की मान्यता है कि यहां पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है यहां पर भगवान श्री कृष्णा जी विराजमान है लोगों का मानना है यहां पर भगवान श्री कृष्णा आज भी दर्शन देते हैं मथुरा वृंदावन के मंदिर इतनी सुंदर है की ने देखने के लिए पर्यटकों का मेला लगा रहता है यहां पर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं मथुरा वृंदावन में इस्कॉन मंदिर भी देखने योग्य है यहां पर होली वाले दिन लाखों की संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं

गोवर्धन पर्वत मंदिर

गोवर्धन पर्वत मथुरा में स्थित है गोवर्धन पर्वत मंदिर प्राचीन मंदिर है यहां पर लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने के लिए आते हैं उनका मानना है गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से उनकी हर मनोकामना पूरी होती है गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने के बाद सभी लोग गोवर्धन मंदिर में गोवर्धन भगवान पर दूध चढ़ाते हैं यह मंदिर कहीं 100 साल पुराना है

बांके बिहारी मंदिर

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में स्थित है यह मंदिर बहुत पुराना है यहां पर श्री कृष्ण जी विराजमान है उनके दर्शन के लिए यहां लोगों का मेला लगा रहता है बांके बिहारी मंदिर में जाने से सभी को शांति मिलती है बांके बिहारी मंदिर की विशेषताएं विदेश में भी फैली हुई है इस मंदिर में श्री कृष्ण जी की ऐसी मूर्ति है जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है यहां पर मंदिर के दर्शन रात के 10:00 बजे तक होते हैं

प्रेम मंदिर

प्रेम मंदिर वृंदावन का सबसे सुंदर मंदिर है इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है यह मंदिर रात को और भी खूबसूरत लगता है इस मंदिर में रात के समय लोगों की भीड़ लग जाती है क्या मंदिर रात को पूरा जगमगाता है प्रेम मंदिर सबसे फेमस मंदिरों में से एक है यह मंदिर मथुरा वृंदावन का सबसे खूबसूरत और सबसे ज्यादा पर्यटक मंदिर है

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर वृंदावन का सबसे बड़ा मंदिर है या मंदिर इस्कॉन द्वारा बनाया गया है यहां पर भगवान श्री कृष्णा जी की प्रतिमा है या मंदिर बहुत फेमस है यहां पर आए सभी पर्यटक इस मंदिर में जरूर आते हैं इस्कॉन मंदिर को देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं और जन्माष्टमी वाले दिन यहां पर पूरी भीड़ लगी रहती है

निधिवन

निधिवन वृंदावन का एक सुंदर मंदिर है कहा जाता है यहां पर भगवान श्री कृष्णा रात को रासलीला करते हैं इसलिए यहां पर रात के समय मंदिर में कोई नहीं रहता यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है यहां की वनस्पति और रहस्यमय माहौल परेड को आकर्षित करता है निधिवन में घूमने के लिए बहुत से पर्यटक आते हैं यहां पर शांति का माहौल रहता है

कैसी घाट

किसी गाड़ी यमुना नदी के तट पर स्थित है यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने कैसी रक्षा का वध किया था यह मंदिर वृंदावन में स्थित है यहां पर हर रोज सुंदर आरती की जाती है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं कैसी घाट घूमने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं

गोपेश्वर महादेव मंदिर

गोपेश्वर महादेव मंदिर वृंदावन में स्थित है या मंदिर भगवान शिव शंकर जी का मंदिर है इस मंदिर में शिव जी राधा कृष्ण के रूप में सम्मिलित हुए हैं या मंदिर बहुत प्रसिद्ध है यहां आने के लिए दूर-दूर से आते हैं

मथुरा वृंदावन कैसे पहुंचे

मथुरा वृंदावन पहुंचना बहुत आसान है मथुरा पहुंचने के लिए दिल्ली से ट्रेन आती है मथुरा स्टेशन से मंदिर तक जाने के लिए ऑटो रिक्शा ई रिक्शा मिल जाती है

रामेश्वरम मंदिर की विशेषताएं और रामेश्वर मंदिर का इतिहास

रामेश्वरम मंदिर की विशेषताएं और रामेश्वर मंदिर का इतिहास

रामेश्वरम मंदिर

रामेश्वरम मंदिर भारत के रामेश्वरम शहर में स्थित है रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु में स्थित है यह भव्य मंदिर भारत और श्रीलंका के बॉर्डर पर है रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच एक समुंदर है बताया जाता है यहां श्री राम जी ने शंकर जी की पूजा की थी इसलिए यहां पर शिवजी का बहुत बड़ा मंदिर है रामेश्वरम मंदिर 800 साल पुराना है पर यहां के कुछ भाग अभी 50-60 साल पुराने हैं यह मंदिर बहुत बड़ा है इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है इस मंदिर का लिंक रामायण काल से जुड़ा हुआ है बताया जाता है सीता माता की तलाश में राम जी यहीं आकर रुके थे यहां से उन्होंने समुद्र पर रामसेतु बनाया था जिस पर कर कर वह श्रीलंका पहुंचे

रामेश्वर मंदिर की विशेषताएं

रामेश्वर मंदिर बहुत पुराना मंदिर है या मंदिर बहुत बड़ा है इसमें घूमने के लिए एक घंटा लग जाता है यहां पर 108 हुए बने हुए हैं जिसमें स्नान करने से सभी रोग दोष मुक्त होते हैं इस मंदिर में एक नागमणि भी है जिसके दर्शन सुबह 5:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक ही होते हैं यहां पर बहुत से भगत दर्शन के लिए आते हैं इस मंदिर की मान्यता उतनी ही है जितनी वाराणसी के शिवलिंग की है रामेश्वरम रामेश्वरम 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है यहां पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है रामेश्वरम मंदिर के चार मुख्य द्वार हैं रामेश्वर मंदिर की चारों दिशाओं में द्वारा है इस मंदिर में छोटी-छोटी कई मार्केट है जहां से लोक खरीदारी करते हैं इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की प्रतिमा है यहां पर पत्थर से बनी हुई बहुत पुरानी मूर्तियां भी हैं लोगों की मान्यता है यहां पर जो भी मांगते हैं

रामेश्वर मंदिर

रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु का सबसे सुंदर मंदिर है इस मंदिर में भगवान शंकर जी विराजमान है यहां पर बहुत पुरानी शिवलिंग भी है रामेश्वरम मंदिर चार धामों में से एक धाम है यहां पर आने वाले सभी भक्त अपनी इच्छा पूरी करके जाते हैं रामेश्वरम मंदिर हिंदू धर्म का प्रतीक है यहां पर बने 108 कुवै हमें दर्शाते हैं या मंदिर कितना बड़ा है इस मंदिर में 6 कुंड बने हुए हैं जिसमें राम कुंड लक्ष्मण कुंड सीता माता कुंड है इस मंदिर में एक विशाल आकार का संगमरमर से बना हुआ नंदी भी है इस मंदिर के चारों तरफ मार्केट बनी हुई है जहां पर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है इस मंदिर की खूबसूरती इतनी है कि इसे देखने के लिए विदेश से भी पर्यटक पहुंचते हैं या मंदिर समुद्र से 1 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है इस मंदिर से समुद्र तक पैदल जा सकते हैं

रामेश्वरम के आसपास की जगह

यहां घूमने के लिए बहुत अच्छी-अच्छी जगह है रामेश्वरम समुद्र के किनारे स्थित है यहां पर छोटे-छोटे बहुत से मंदिर है जिन्हें देखने के लिए पर्यटक जाते हैं रामेश्वरम मंदिर से थोड़ी दूर ही रामसेतु है जिसे श्री राम जी ने बनाया था या सेतु आज भी दिखाई देता है परंतु इसका बहुत सा हिस्सा टूट चुका है बताया जाता है या श्री राम जी ने लंका में जाने के लिए समुद्र के ऊपर पत्थर से बनाया था आज भी इस रामसेतु के अंश मौजूद हैं जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं रामसेतु देखने के लिए पर्यटक रामेश्वरम से ₹50 का किराया देकर बस के द्वारा जाते हैं

रामेश्वरम जाने का सही समय

वैसे तो आप कभी भी रामेश्वरम जा सकते हैं परंतु दिसंबर जनवरी में यहां मौसम बहुत अच्छा होता है उत्तर भारत में बहुत ठंड होती है इसलिए लोग दिसंबर और जनवरी में यहां अधिक जाते हैं रामेश्वरम चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ शहर है इसलिए यहां पर मौसम बहुत अच्छा रहता है यहां के मौसम में नमी है या हल्की-हल्की बारिश होती रहती है परंतु यहां की धरती रेतीली है इसलिए यहां पानी इकट्ठा नहीं होता रामेश्वरम मंदिर चारों तरफ से समुद्र से गिरा हुआ है इसलिए यहां पर बरसात में जाना सही नहीं है

रामेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे

रामेश्वरम जाने के लिए रेलगाड़ी सबसे अच्छा साधन है दिल्ली रेलवे स्टेशन से मद्रास के लिए ट्रेन मिलती है और मद्रास से रामेश्वरम जाने के लिए ट्रेन मिल जाती है चेन्नई से 400 किलोमीटर के आसपास रामेश्वर में इसलिए दिल्ली से रामेश्वरम जाने के लिए 2 दिन का समय लग जात जाता है रामेश्वरम से दिल्ली की दूरी 3000 किलोमीटर के आसपास है दिल्ली हवाई अड्डे से तमिलनाडु के लिए भी फ्लाइट ले सकते हैं परंतु उसका किराया महंगा है इसलिए रेलगाड़ी सबसे अच्छा साधन है रामेश्वरम जाने के लिए

उत्तराखंड की पहली बर्फबारी देखने के लिए जाए मंसूरी

उत्तराखंड की पहली बर्फबारी देखने के लिए जाए मंसूरी

‌ इस साल की पहली बर्फबारी उत्तराखंड में हो चुकी है उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में बर्फ पढ़नी स्टार्ट हो गई है बर्फबारी देखने का सबसे अच्छा क्षेत्र मसूरी है  मसूरी उत्तराखंड का सबसे सुंदर शहर है यह पहाड़ों पर स्थित एक हिल स्टेशन है यहां पर सभी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं वैसे तो उत्तराखंड में बहुत से पर्यटन स्थल है परंतु मसूरी सबसे सुंदर और सबसे लुभाने वाला पर्यटक स्थल है या दिल्ली से पास पड़ता है इसलिए यहां पर दिल्ली और उसके आसपास से लोग घूमने के लिए आते हैं यहां पर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं यहां पर इतनी ज्यादा बर्फबारी नहीं होती परंतु स्नोफॉल का मजा लिया जा सकता है इसलिए यहां पर पर्यटकों का मेला लगा हुआ है मसूरी में इस बार बहुत जल्दी बर्फ पड़ चुकी है इसलिए यहां पर्यटकों की भीड़ है उत्तराखंड के मसूरी में सबसे ज्यादा पर्यटक दिल्ली या दिल्ली के आसपास से आते हैं मसूरी की दूरी दिल्ली से ढाई सौ किलोमीटर है इसलिए यहां आने के लिए ढाई से 3 घंटे लगते हैं

मसूरी में पहली बर्फबारी

मसूरी में कल शाम ही पहली बर्फबारी स्टार्ट हुई है यहां पर हल्की-हल्की स्नोफॉल चल रही है जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से पहुंच रहे हैं मसूरी में बर्फबारी का मजा लेने के लिए दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं यहां पर पर्यटकों के लिए पूरी सुविधा है मसूरी का माल रोड इस समय पुर भरा रहता है साल की पहली बर्फबारी को देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं मसूरी एक सुंदर शहर है और यहां पर दिसंबर के महीने में बर्फबारी स्टार्ट हो जाती है इस बर्फबारी को देखने के लिए दिल्ली के लोग अपने दफ्तरों से छुट्टी लेकर पहुंचते हैं दिसंबर और जनवरी में यहां पर होटल भी बहुत मुश्किल से मिलते हैं यहां पर होटल की कमी नहीं है परंतु इतनी भीड़ होने के कारण यहां पर होटल कम पड़ जाते हैं

स्नोफॉल में मजे

मसूरी देहरादून

दिसंबर से लेकर फरवरी तक मसूरी में पर्यटकों का मेला लगा रहता है सभी पर्यटक यहां स्नोफॉल का मजा लेने के लिए आते हैं मसूरी में अधिक बर्फ नहीं पड़ती इसलिए यहां पर कोई खतरा नहीं है यहां पर हल्की-हल्की स्नोफॉल होती रहती है इसलिए सबसे ज्यादा पर्यटक मसूरी जाना पसंद करते हैं या उत्तराखंड का सबसे अच्छा पर्यटक स्थल है आज से ही यहां पर स्नोफॉल होनी स्टार्ट हो गई है जिसे देखने के लिए लोग आने स्टार्ट हो गए हैं दिसंबर और जनवरी के महीने में सबसे ज्यादा स्नोफॉल होती है और सबसे ज्यादा भीड़ यहां पर न्यू ईयर वाले दिन होगी न्यू ईयर वाले दिन माल रोड पर पैर रखने की भी जगह नहीं होती

मसूरी कैसे पहुंचे

मसूरी
मसूरी

मसूरी पहुंचना बहुत आसान है दिल्ली से मसूरी के लिए सीधी वोल्वो बस मिल जाती है जिसका किराया 600 से ₹700 वसूला जाता है मसूरी एक पहाड़ी क्षेत्र है इसलिए यहां अभी रेलगाड़ी नहीं जाती परंतु देहरादून तक रेलगाड़ी जरूर जाती है देहरादून से मसूरी की दूरी 30 से 40 किलोमीटर के बीच है देहरादून से मंसूरी पहुंचना बहुत आसान है इसलिए आप रेल से भी दिल्ली से देहरादून आ सकते हैं

राम मंदिर अयोध्या का इतिहास और इसकी विशेषताएं

राम मंदिर अयोध्या का इतिहास और इसकी विशेषताएं

राम मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित है या भारत का सबसे बड़ा मंदिर है राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है अयोध्या का राम मंदिर वैसे तो बहुत सालों पुराना है परंतु इस मंदिर को 2024 मैं खोला गया राम मंदिर पर बहुत सालों तक विवाद रहा परंतु सुप्रीम कोर्ट से मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद यहां पर काम शुरू हो गया और 2024 में इस मंदिर को खोल दिया गया राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन पूरे देश में दिवाली मनाई गई राम मंदिर कि शिला न्यास भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने की राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है

राम मंदिर का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है

राम मंदिर तीन एकड़ में बना हुआ है यहां पर सुंदर सी कलाकारी की हुई है इस मंदिर को देखने के लिए लाखों की भीड़ लगती है राम मंदिर के खुलने के बाद तीन दिन में लाखों की संख्या में लोक दर्शन के लिए आए राम मंदिर के आसपास 10 किलोमीटर तक मार्केट बनी हुई है राम मंदिर की इमारत को बनाने में 4 साल लग गए थे यहां पर दिन रात काम चला राम मंदिर बनने से अयोध्या में पर्यटक और भी ज्यादा आने लगे यहां के लोगों को रोजगार मिले

राम मंदिर की विशेषताएं

राम मंदिर अयोध्या

राम मंदिर की वैसे तो बहुत सारी विशेषताएं हैं यहां पर आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं राम मंदिर हिंदुओं की आस्थाओं का प्रतीक है यह मंदिर बहुत सालों से विवादों के बीच रहा है परंतु आज इस मंदिर की वजह से हजारों लोगों का रोजगार चल रहा है राम मंदिर को देखने के लिए आए भक्तों की वजह से ही अयोध्या चमकने लगी है यहां पर बहुत से लोगों ने रोजगार खोल लिए हैं राम मंदिर के अंदर श्री राम जी की प्रतिमा है साथ यहां पर हनुमान जी का भी मंदिर बना हुआ है

अयोध्या

अयोध्या उत्तर प्रदेश का एक पिछड़ा हुआ शहर था परंतु राम मंदिर के विवादों के चलते अयोध्या का नाम सुर्खियों में रहता था अयोध्या का नाम हमारी पुस्तकों में भी है अयोध्या को रामनगरी भी कहा जाता है माना जाता है अयोध्या में श्री राम जी ने जन्म लिया था इसलिए यहां पर श्री राम जी का भव्य मंदिर बनाया गया है श्री राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या फिर से चमकने लगी है यहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है बहुत बड़े-बड़े होटल और रेस्टोरेंट भी बन गए हैं यहां पर जमीनों के रेट भी 10 गुना हो गए हैं दुनिया के कोने-कोने से लोग राम मंदिर को देखने के लिए अयोध्या आते हैं

वाल्मीकि हवाई अड्डा

अयोध्या में श्री वाल्मीकि हवाई अड्डा बनाया गया है इस हवाई अड्डे का नाम हमारे गुरु वाल्मीकि जी के नाम पर रखा गया है इस हवाई अड्डे पर इंटरनेशनल फ्लाइट भी आती है अयोध्या आने के लिए लोग हवाई जहाज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं यह एयरपोर्ट पूरी दुनिया में फेमस हो गया है इस एयरपोर्ट के आने से अयोध्या में और भी चार चांद लग गए हैं यह एयरपोर्ट देखने में भी खूबसूरत लगता है

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक उपक्रम नहीं है, बल्कि सदियों से चले आ रहे विवाद के समापन का प्रतीक है यह मंदिर एक आशा की किरण बनकर उभर रहा है, जो राष्ट्रीय गौरव और एकजुटता की भावना को बढ़ावा दे रहा है मंदिर के निर्माण के पूरा होने से दुनिया भर के भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करने की उम्मीद है जिससे अयोध्या एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और सांस्कृतिक केंद्र बन जाएगा

अयोध्या का राम मंदिर एक भव्य मंदिर है जिसे देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं यह हिंदू धर्म का प्रतीक है जिस दिन अयोध्या के राम मंदिर की परम प्रतिष्ठा हुई उसे दिन पूरे देश विदेश में दिवाली मनाई गई पूरे देश में भंडारे और पटाखे चलाए गए यह एक कहीं साल चलने वाला मुद्दा खत्म हुआ है इसमें बहुत से लोगों की जान भी गई कई साल बाद इस पर फैसला हुआ यह मंदिर बहुत ही सुंदर और बड़ा है इस मंदिर की खूबसूरती देखने से ही पता लगती है इस मंदिर के निर्माण में पूरे विश्व से चंदा इकट्ठा हुआ हर पक्ष के लोगों ने इस मंदिर में अपना योगदान दिया इसलिए इस मंदिर की और भी बहुत सी विशेषताएं हैं यहां पर इसकी परम प्रतिष्ठा में बहुत से वीआईपी इकट्ठा हुए थे हमारे देश के बड़े-बड़े नेता फिल्मी सितारे और खिलाड़ी ने इस मंदिर के निर्माण में योगदान दिया

राम मंदिर कैसे जाएं

राम मंदिर जाना बहुत आसान है इसके लिए दिल्ली से ट्रेन चलती है दिल्ली से सीधा अयोध्या के लिए ट्रेन चलती है आप दिल्ली से बस के द्वारा भी अयोध्या पहुंच सकत बस के द्वारा भी अयोध्या पहुंच सकते हैं अयोध्या में एयरपोर्ट भी बना हुआ है आप दिल्ली से सीधी अयोध्या के लिए फ्लाइट पकड़ सकते हैं अयोध्या में रेलवे स्टेशन भी है और एक बस स्टैंड भी है बस स्टैंड से ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा से आप राम मंदिर पहुंच सकते हैं

राम मंदिर जाने का सही समय

वैसे तो आप कभी भी राम मंदिर जा सकते हैं परंतु सर्दियों में राम मंदिर पर भीड़  कम होती है छुट्टी वाले दिन शनिवार और रविवार यहां पर भक्तों का मेला लगा रहता है इसलिए छुट्टी वाले दिन यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है गर्मियों की छुट्टियों में राम मंदिर को देखने की बहुत भीड़ होती है इसलिए सही समय निकालकर ही यहां पर पहुंचे यहां पर सुरक्षा के बहुत से इंतजाम है

राम मंदिर में साफ सफाई

राम मंदिर में सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है यहां पर बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा सफाई की जाती है और वैसे भी यहां पर सफाई के लिए बहुत से रोजगार दिए गए हैं हमें भी मंदिर में सफाई का ध्यान रखना चाहिए यह हमारी राष्ट्रीय धरोहर है हमें इसका सम्मान करना चाहिए राम मंदिर एक खूबसूरत मंदिर है जिसे पूरे विश्व में राम मंदिर का गुणगान होता है यह भव्य मंदिर हमें एकजुट करता है हमें इसका सम्मान करना चाहिए

राम मंदिर में लगी सभी प्रतिमा बहुत पुराने पत्थरों से बनाई गई है इसलिए इसकी विशेषता और भी ज्यादा है यहां पर राम जी की मूर्ति बहुत पुराने पत्थर से बनाई हुई है जिसे नेपाल चलाया गया था

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आगरा का लाल किला कब और किसने बनवाया था

­आगरा का लाल किला कब और किसने बनवाया था

लाल किला कहां स्थित है

आगरा का लाल किला उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है आगरा का लाल किला मुगल सम्राट अकबर ने बनवाया था इस किले का काम बहुत समय तक चलो इसलिए इसमें उनके वंश जो का भी नाम है यह किला किला 1565 के आसपास बना था आगरा के लाल किले को बनाने के लिए 4000 मजदूरों का इस्तेमाल किया गया था लाल किले को बनाने के लिए 4000 मजदूरों ने 8 साल तक काम किया इस किले की खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया की कौन-कौन से लोग आते हैं

लाल किला आगरा

लाल किला बहुत प्रसिद्ध है वैसे तो लोग आगरा में ताजमहल को देखने आते हैं परंतु यह लाल किला बहुत प्रसिद्ध है इसलिए इस किले को भी देखना के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है या किला हमारे इतिहास को दर्शाता है लाल किले को बनाने के लिए लाल बलवा पत्थर का इस्तेमाल किया गया था

आगरा के लाल किले का पहला नाम बादलगढ़ था या यह किला बादलगढ़ के नाम से मशहूर था इसके लिए की ऊंचाई बहुत अधिक थी अकबर के पोते शाहजहां ने इस किले में बहुत से बदलाव करवा इस किले में बहुत सी लड़ाइयां लड़ी गई या किला मुगल शासको के पाटन का प्रतीक है 1803 में इस किले पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था

1947 में आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यहां पर तिरंगा लहराया था आगरा का लाल किला पूरे विश्व में प्रसिद्ध है यह किला अपनी मजबूती और ऊंची ऊंची दीवारों के लिए जाना जाता है इसके लिए पर कब्जा करने के लिए बहुत से शासको ने प्रयास किया पर इस किले की दीवारें इतनी ऊंची और इतनी मजबूत है कि इस पर ठोक के गोलों का भी असर नहीं होता था यह किला पूरे विश्व में प्रसिद्ध है आजादी के बाद 1983 में इसे राष्ट्रीय धरोहर की उपाधि मिली या किला हमारे इतिहास को दर्शाता है

लाल किला ताजमहल से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आगरे का लाल किला पहले राजपूतों की धरोहर हुआ करती थी उसके बाद महमूद गजनबी की सेवा ने राजपूत पर हमला करके इस किले पर कब्जा कर लिया था यह ईटों से बनी हुई एक इमारत थी इस पर कहीं मुगल सम्राट राजाओं ने शासन किया इसके लिए की खूबसूरती को देखने के लिए विदेश से भी पर्यटक आते हैं लाल किला आगरा के ताजमहल के बाद दूसरी सबसे सुंदर पर्यटक स्थल है

आगरे का लाल किला हमारे इतिहास को दर्शाता है इसका जिक्र हमारे इतिहास की पुस्तकों में भी है आगरा के किले पर कब्जा करने के लिए बहुत से शासको ने प्रयास किया पर सबसे ज्यादा यहां पर मुगल साम्राज्य का कब जा रहा उसके बाद यहां पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था इस किले से अंग्रेजों ने पूरे भारत पर कब्जा कर लिया था आजादी के बाद इस किले को खाली करवाया गया यहां पर बहुत से पुराने चित्रकला और पुरानी ऐतिहासिक चीज भी हैं आज इसके लिए काम म्यूजियम की तरह बनाया गया है यहां पर घूमने आए सभी पर्यटक टिकट लेकर इसके अंदर घूमने के लिए जाते हैं यह हमारी राष्ट्रीय धरोहर है

आगरा किला की खूबसूरती और विशेषताएं

आगरा किला खूबसूरती के लिए जाना जाता है या किला इतना खूबसूरत है कि इसे देखने के लिए दुनिया की कौन-कौन से लोग आते हैं इसके लिए की बहुत सी विशेषताएं भी है या किला इतना मजबूत है की किसकी दीवारों को तोड़ना आसान नहीं था यहां की मोती मोती दीवारें इस किले की मजबूती को दर्शाती है यह की ऊंचाई पर स्थित है इसलिए यहां पर तोप के गोलों का भी असर नहीं होता आगरे का किला अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता था इस किले पर कई मुगल शासक को ने राज किया है आगरा की लाल किले पर शासन करने वाले मुगल सुरक्षित होते थे यहां पर पहुंचना इतना आसान नहीं था

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लाल किला पर कैसे पहुंचे

आगरा एक टूरिस्ट प्लेस है इसलिए यहां पर पहुंचना आसान है यहां पर टूरिस्ट प्लेस होने के कारण सवारी की चिंता नहीं है यहां पर ऑटो रिक्शा रिक्शा घोड़े टांगे चलते हैं यहां पर सीधा बस से भी आया जाता है आगरा एक मशहूर शायर है यहां पर ताजमहल को देखने आए सभी पर्यटक आगरा में सभी जगह घूमते हैं दिल्ली से आगरा 3 घंटे का सफर है यहां पर सभी लोग छुट्टियों के समय आते हैं सर्दियों में यह स्थल पर्यटकों से भरा रहता है

दिल्ली का लाल किला कब और किसने बनवाया था

दिल्ली का लाल किला कब और किसने बनवाया था

 

दिल्ली का लाल

किला मुगल सम्राट शाहजहां हां ने अपनी राजधानी के महल के रूप में बनवाया था इसे बनवाने में 10 साल लग गए थे शाहजहां ने लाल किला अपने महल के रूप में बनवाया था शाहजहां इसी महल में रहते थे इस किले का रंग लाल है यह किला लाल पत्थर से बनाया गया है इसलिए इसका नाम लाल किला पड़ा लाल किले की खूबसूरती और यहां की चित्रकारी को देखते हुए राजस्थान मध्य प्रदेश और कहीं राज्यों में लाल किले जैसे महल बनाए गए परंतु लाल किले जैसा एक भी किला नहीं बना या भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है लाल किले का काम 1638 से शुरू हुआ था और इसको 1648 में पूरा कर लिया गया यह यह किला यमुना के किनारे बनाया गया था इस किले की खूबसूरती और इसकी बनावट को देखकर बहुत से शासको ने इस पर कब्जा करने की कोशिश की यह अकेला इतना खूबसूरत है कि यहां पर आज तक कोई छेड़छाड़ नहीं की गई

लाल किले पर इतनी खूबसूरत चित्रकार और इसकी मजबूती देखकर राजस्थान में कई किलो का निर्माण किया गया था बताया जाता है की लाल किले के अंदर पेड़ों से गिरी हुई एक नदी निकलती थी जिससे इसकी खूबसूरती और भी सुंदर लगती थी इस नहर में पानी यमुना नदी से आता था यहां दिल्ली में घूमने वाले सभी पर्यटक लाल किले पर घूमने जरूर आते हैं लाल किला पूरे विश्व में प्रसिद्ध है लाल किले की विशेषताएं हमारे इतिहास की पुस्तकों में भी है जो लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं वह हमारे इतिहास को जानते है यहां पर कुछ खास इमारत भी हैं इनमें रंग महल दीवाने महल आदि मशहूर इमारत है लाल किले पर हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा लहराया जाता है हमारे देश के प्रधानमंत्री यहां पर हर साल तिरंगा लहराते हैं लाल किले को देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं लाल किला इतना खूबसूरत है इसके चर्चे विदेश में भी है लाल किला की वास्तुकला इस्लामिक फारसी फारसी और हिंदू को दर्शाती है

लाल किले पर 1857 में आखिरी मुस्लिम सम्राट जफर को गाड़ी से हटकर यहां अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था बहुत से कम लोग जानते हैं यहां पर अंग्रेजी सेवा के लिए बहुत से कमरे बनाए गए हैं जिसमें अंग्रेजी पुलिस रहती थी और आजादी के बाद यहां पर भारतीय जवानों के रहने का इस्तेमाल किया गया 2003 के बाद इसे खाली करवा दिया गया यहां पर जलियांवाला बाग सुभाष चंद्र बोस की बहुत अच्छी स्मृतियां बनी हुई है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं या प्रतिमा लाल और बलवा पत्थर से बनी हुई है यह हमारे इतिहास को दर्शाती है

लाल किले के अंदर बना रंग महल रानियां के लिए बनाया गया था इस महल को जनाना महल भी कहा जाता है यहां पर राजा ही अंदर जा सकते हैं इस महल में जाने से ही इसकी संस्कृति का पता लगाया जा सकता है

लाल किले पर पहुंचना बहुत आसान है यहां पर पहुंचने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल किया जाता है लाल किले का अलग ही मेट्रो स्टेशन है सीधा आईएसबीटी से लाल किला मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा जा सकता है

ऋषिकेश से 2 घंटे की दूरी पर मालदीप का नजारा

ऋषिकेश से 2 घंटे की दूरी पर मालदीप का नजारा

ऋषिकेश से 2 घंटे की दूरी पर मालदीप जैसा नजारा यहां पर पर्यटक का मेला लगा रहता है यहां पर रहने खाने की अच्छी सुविधा है और यहां पर कम बजट में मालदीप का नजारा लिया जा सकता है यहां पर बनी छोटी-छोटी झोपड़ी इसकी सुंदरता को और भी चार चांद लगाती है यहां पर आए सभी पर्यटक शांति का मजा लेते हैं तेरी झील की विशेषताएं बहुत है यहां पर बहुत से पर्यटक घूमने आते हैं

ये_मालदीव_के_नजारे नहीं_हैं यहाँ आप ऋषिकेश से सिर्फ 1.30 घंटे में पहुंच सकते हैं,ये टिहरी झील के नजारे हैं जो कि इस समय बहुत फेमस टूरिस्ट प्लेस बन गया है ,इन तस्वीरों में फ्लोटिंग हट भी दिख रही हैं जो की झील में तैरते हुए घर हैं,यहां भी लोग नाइट स्टे कर सकते हैं,और यहां बहुत सारी वाटर  स्पोर्ट्स एक्टिविटी कर सकते हैं, ये जगह ऋषिकेश से सिर्फ 77 km दूर है शानदार रोड बना हुआ है सिर्फ 1.30 घंटे लगते हैं,टिहरी झील में विभिन्न प्रकार की वाटर स्पोर्ट्स और एक्टिविटीज़ का आनंद लिया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

1. स्कीइंग और वॉटर स्कीइंग टिहरी झील में स्कीइंग और वॉटर स्कीइंग की सुविधा उपलब्ध है।
2. पैराग्लाइडिंगझील के ऊपर पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया जा सकता है।
3. बोटिंग और  टिहरी झील में बोटिंग और याटिंग की सुविधा उपलब्ध है।
4. फिशिंग झील में मछली पकड़ने का आनंद लिया जा सकता है।
5. कयाकिंग और कैनोइंग टिहरी झील में कयाकिंग और कैनोइंग की सुविधा उपलब्ध है।
6.  विंड सर्फिंग झील में विंड सर्फिंग का आनंद लिया जा सकता है।
7. जेट स्कीइंग  टिहरी झील में जेट स्कीइंग की सुविधा उपलब्ध है।
8. बनाना बोट राइड्स झील में बनाना बोट राइड्स का आनंद लिया जा सकता है।

इन एक्टिविटीज़ के अलावा, टिहरी झील में पिकनिक, कैम्पिंग और फोटोग्राफी का भी आनंद लिया जा सकता है।टिहरी झील उत्तराखंड राज्य में स्थित एक मानव निर्मित झील है, जो टिहरी बांध के निर्माण के परिणामस्वरूप बनाई गई है। यह झील लगभग 45 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और इसकी अधिकतम गहराई लगभग 260 मीटर है।

टिहरी झील की विशेषताएं:

1. मानव निर्मित झील टिहरी झील एक मानव निर्मित झील है, जो टिहरी बांध के निर्माण के परिणामस्वरूप बनाई गई है।
2. विशाल आकार यह झील लगभग 45 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है।
3. गहराई  इसकी अधिकतम गहराई लगभग 260 मीटर है।
4. जलवायु परिवर्तन टिहरी झील का जल स्तर जलवायु परिवर्तन के कारण बदलता रहता है।
5. पारिस्थितिकी यह झील विभिन्न प्रकार के जलीय जीवन और वनस्पतियों का समर्थन करती है।

टिहरी झील के पर्यटन स्थल:

1. टिहरी बांध  टिहरी बांध एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो झील के किनारे स्थित है।
2. टिहरी झील क्रूज झील में क्रूज की सुविधा उपलब्ध है, जिससे पर्यटक झील की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
3. प्राकृतिक सौंदर्य  झील के आसपास के क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य की बहुतायत है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है।

टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र में कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. देवप्रयाग देवप्रयाग एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम पर स्थित है।
2.  रुद्रप्रयाग  रुद्रप्रयाग एक अन्य प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के संगम पर स्थित है।
3.  केदारनाथ  केदारनाथ एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है।

इन सभी पर्यटन स्थलों के अलावा, टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र में कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं,