रामेश्वरम मंदिर की विशेषताएं और रामेश्वर मंदिर का इतिहास
रामेश्वरम मंदिर की विशेषताएं और रामेश्वर मंदिर का इतिहास
रामेश्वरम मंदिर भारत के रामेश्वरम शहर में स्थित है रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु में स्थित है यह भव्य मंदिर भारत और श्रीलंका के बॉर्डर पर है रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच एक समुंदर है बताया जाता है यहां श्री राम जी ने शंकर जी की पूजा की थी इसलिए यहां पर शिवजी का बहुत बड़ा मंदिर है रामेश्वरम मंदिर 800 साल पुराना है पर यहां के कुछ भाग अभी 50-60 साल पुराने हैं यह मंदिर बहुत बड़ा है इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है इस मंदिर का लिंक रामायण काल से जुड़ा हुआ है बताया जाता है सीता माता की तलाश में राम जी यहीं आकर रुके थे यहां से उन्होंने समुद्र पर रामसेतु बनाया था जिस पर कर कर वह श्रीलंका पहुंचे
रामेश्वर मंदिर की विशेषताएं
रामेश्वर मंदिर बहुत पुराना मंदिर है या मंदिर बहुत बड़ा है इसमें घूमने के लिए एक घंटा लग जाता है यहां पर 108 हुए बने हुए हैं जिसमें स्नान करने से सभी रोग दोष मुक्त होते हैं इस मंदिर में एक नागमणि भी है जिसके दर्शन सुबह 5:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक ही होते हैं यहां पर बहुत से भगत दर्शन के लिए आते हैं इस मंदिर की मान्यता उतनी ही है जितनी वाराणसी के शिवलिंग की है रामेश्वरम रामेश्वरम 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है यहां पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है रामेश्वरम मंदिर के चार मुख्य द्वार हैं रामेश्वर मंदिर की चारों दिशाओं में द्वारा है इस मंदिर में छोटी-छोटी कई मार्केट है जहां से लोक खरीदारी करते हैं इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की प्रतिमा है यहां पर पत्थर से बनी हुई बहुत पुरानी मूर्तियां भी हैं लोगों की मान्यता है यहां पर जो भी मांगते हैं
रामेश्वर मंदिर
रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु का सबसे सुंदर मंदिर है इस मंदिर में भगवान शंकर जी विराजमान है यहां पर बहुत पुरानी शिवलिंग भी है रामेश्वरम मंदिर चार धामों में से एक धाम है यहां पर आने वाले सभी भक्त अपनी इच्छा पूरी करके जाते हैं रामेश्वरम मंदिर हिंदू धर्म का प्रतीक है यहां पर बने 108 कुवै हमें दर्शाते हैं या मंदिर कितना बड़ा है इस मंदिर में 6 कुंड बने हुए हैं जिसमें राम कुंड लक्ष्मण कुंड सीता माता कुंड है इस मंदिर में एक विशाल आकार का संगमरमर से बना हुआ नंदी भी है इस मंदिर के चारों तरफ मार्केट बनी हुई है जहां पर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है इस मंदिर की खूबसूरती इतनी है कि इसे देखने के लिए विदेश से भी पर्यटक पहुंचते हैं या मंदिर समुद्र से 1 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है इस मंदिर से समुद्र तक पैदल जा सकते हैं
रामेश्वरम के आसपास की जगह
यहां घूमने के लिए बहुत अच्छी-अच्छी जगह है रामेश्वरम समुद्र के किनारे स्थित है यहां पर छोटे-छोटे बहुत से मंदिर है जिन्हें देखने के लिए पर्यटक जाते हैं रामेश्वरम मंदिर से थोड़ी दूर ही रामसेतु है जिसे श्री राम जी ने बनाया था या सेतु आज भी दिखाई देता है परंतु इसका बहुत सा हिस्सा टूट चुका है बताया जाता है या श्री राम जी ने लंका में जाने के लिए समुद्र के ऊपर पत्थर से बनाया था आज भी इस रामसेतु के अंश मौजूद हैं जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं रामसेतु देखने के लिए पर्यटक रामेश्वरम से ₹50 का किराया देकर बस के द्वारा जाते हैं
रामेश्वरम जाने का सही समय
वैसे तो आप कभी भी रामेश्वरम जा सकते हैं परंतु दिसंबर जनवरी में यहां मौसम बहुत अच्छा होता है उत्तर भारत में बहुत ठंड होती है इसलिए लोग दिसंबर और जनवरी में यहां अधिक जाते हैं रामेश्वरम चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ शहर है इसलिए यहां पर मौसम बहुत अच्छा रहता है यहां के मौसम में नमी है या हल्की-हल्की बारिश होती रहती है परंतु यहां की धरती रेतीली है इसलिए यहां पानी इकट्ठा नहीं होता रामेश्वरम मंदिर चारों तरफ से समुद्र से गिरा हुआ है इसलिए यहां पर बरसात में जाना सही नहीं है
रामेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे
रामेश्वरम जाने के लिए रेलगाड़ी सबसे अच्छा साधन है दिल्ली रेलवे स्टेशन से मद्रास के लिए ट्रेन मिलती है और मद्रास से रामेश्वरम जाने के लिए ट्रेन मिल जाती है चेन्नई से 400 किलोमीटर के आसपास रामेश्वर में इसलिए दिल्ली से रामेश्वरम जाने के लिए 2 दिन का समय लग जात जाता है रामेश्वरम से दिल्ली की दूरी 3000 किलोमीटर के आसपास है दिल्ली हवाई अड्डे से तमिलनाडु के लिए भी फ्लाइट ले सकते हैं परंतु उसका किराया महंगा है इसलिए रेलगाड़ी सबसे अच्छा साधन है रामेश्वरम जाने के लिए